Tuesday 5 November 2019

यू तो हर चलती सांस के साथ,तेरी ख़ुशी मांगी है..तुम जहां भी रहो,नियामतें तमाम तुम्हारे लिए बस

मांगी है..हाथ की लकीरें तेरी क्या कहती है,इस से परे तेरी ज़िंदगी कितनी बदले गी,लकीरों की तेरी

दुनियां मुझ को बदलनी आती है..गर यकीं ना हो तो खुद ही देखते जाना..वक़्त मिले तो खुद ही हम

को बता देना..यह प्यार का राज़ है यारा,जो जीवन तो क्या-हाथ की लकीरों को भी बदल देता है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...