कल कब कहाँ जन्म ले गे,पता नहीं..इन साँसों को जिए गे कब तक,पता नहीं..किस किस को छोड़ जाए
गे,यह भी पता नहीं...मंजूरे-खुदा को क्या होगा,यह राज़ भी मुझे पता नहीं..पता है तो सिर्फ इतना कि
जो सोचा है वो करना है..पता तो यह भी है,जिन राहो पे चलना है वो भरी है सिर्फ कांटो से..खुद के
कदमो को गर्म रेत की तपिश मे तपाया है इतना,खुद तो चले गे काँटों पे मगर जो साथ चले गे मेरे,
उन को इस तपिश से बरी करवाते जाए गे...खुद मे जो ताकत है,उस से उन सभी के हौसले बुलंद
करते जाए गे...
गे,यह भी पता नहीं...मंजूरे-खुदा को क्या होगा,यह राज़ भी मुझे पता नहीं..पता है तो सिर्फ इतना कि
जो सोचा है वो करना है..पता तो यह भी है,जिन राहो पे चलना है वो भरी है सिर्फ कांटो से..खुद के
कदमो को गर्म रेत की तपिश मे तपाया है इतना,खुद तो चले गे काँटों पे मगर जो साथ चले गे मेरे,
उन को इस तपिश से बरी करवाते जाए गे...खुद मे जो ताकत है,उस से उन सभी के हौसले बुलंद
करते जाए गे...