Sunday 3 November 2019

शामे-ग़ज़ल लिखे आप पे या आप के रुखसार से नज़रे हटा ले..दुआ मे हर पल रखे आप को या दुआ ही

बन जाए आप के लिए..दुनियाँ क्या कहती है आप के लिए,क्या लेना-देना है मुझ को उस से..समझदारी

से आप को समझाए या मासूमियत से आप को पागल कर दे...दीवाना करने की वजह बने या खुद को

आप मे ही शामिल कर ले..क्या करे आप का..जलते दिए की लौ बने या दीपक बन आप को राह दिखाते

जाए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...