दुनियां से बहुत बार सुना...दुनियां बस अब खत्म होने को है..मगर कहते है हम,जब तल्क़ इस दुनियां
मे प्रेम का महकता रंग कायम है,दुनियां तब तल्क़ सलामत है..हज़ारो फूल जब खिलते है इस गुल्सिता
मे,बेपनाह लोग मिलते है मुहब्बत से...जब तल्क़ कायम है यहाँ,शुद्ध प्रेम की परिभाषा..जब तल्क़ प्रेम
मे भरी है बलिदान की भावना..जब तल्क़ यह प्रेम खिले गा,दो पाक रूहों के साए मे..जान भी जाए तेरे
लिए,प्रेम तब भी निःशब्द है...समझ लीजे...दुनियां का वज़ूद तब तल्क़ कायम है...
मे प्रेम का महकता रंग कायम है,दुनियां तब तल्क़ सलामत है..हज़ारो फूल जब खिलते है इस गुल्सिता
मे,बेपनाह लोग मिलते है मुहब्बत से...जब तल्क़ कायम है यहाँ,शुद्ध प्रेम की परिभाषा..जब तल्क़ प्रेम
मे भरी है बलिदान की भावना..जब तल्क़ यह प्रेम खिले गा,दो पाक रूहों के साए मे..जान भी जाए तेरे
लिए,प्रेम तब भी निःशब्द है...समझ लीजे...दुनियां का वज़ूद तब तल्क़ कायम है...