Monday, 18 November 2019

जो रूह से महसूस हो कर सीधा रूह मे उतरे...जिस को ना कभी देखा,ना कभी मिले ना कभी मिले गे...

प्यार ऐसा भी होता है...फिर भी जो इक दूजे को समर्पित हो,खामोश हो..वो प्यार शुद्धता से भी,कही

जयदा शुद्ध है...कोई कहे यह अलौकिक है...ना कुछ रिश्ता,ना कोई मांग है..फिर भी रूह के बहुत पास

है..सदियों मे मिलती है ऐसी रूहे,तक़दीर वाली होती है ऐसी रूहे..तक़दीर वाले ही इस प्यार को समझ

सकते है..''यह है वो बेखौफ रूहे जो सिर्फ सपनो मे ही मिला करती है''...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...