Tuesday 2 February 2021

 ना बांध के  रख मुझ को रूह से अपनी कि मैं इस दुनियाँ मे ज़ी ही ना पाऊ...मुहब्बते-दास्तान का वो 


पहला दिन और तेरी हंसी का आगाज़ हुआ मुझे पहली ही बार...वो होंठ जो कभी मुस्कुराते तक ना थे..


वो अपनी लक्षमण-रेखा को तोड़ गए कैसे...दाद दीजिए हमारी वफाए-मुहब्बत को कि आप को हंसना 


तो क्या,बेखौफ जीना तक सिखा दिया...मुस्कुराते है अकेले मे..वल्लाह...इक मरे हुए इंसान को हम ने 


जीना सिखा दिया..बात-बात पे जो सब से उलझ जाए,उस को तहजीब का पाठ सही से सिखा दिया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...