भोर की पहली किरण जो पड़ी उन के चेहरे पे..हम ने उस पहली किरण को चूम लिया..हमारा हक़ इन
पे आप से पहले है,यह बोल कर हम ने किरण को, कल की भोर पे आने को मना किया...कैसे कहे कि
आप तो आप है..और आप के सिवा कौन और हमारे है...तेरे कदमों की चाप सुन लेते है बहुत दूर से..
तेरी साँसों की महक पूरे दिन बांध के रखते है अपने जिस्म से...चाँद तक को हक़ नहीं देते तुझे निहार
लेने का..तेरी ही आगोश मे सिमटे,किसी और के ख्याल को आने तक की इज़ाज़त नहीं देते इस दिल मे..