Monday 22 February 2021

 डूब कर तेरे ही प्रेम के आंगन मे..बेनाम सा रिश्ता अपने आँचल से बांध लिया...राहें तो बंद है हर और 


से मगर इन दिलों की राहें तो हर तरफ ही खुली है...दर्द देती है जब भी तन्हाई तो कोई मधुर धुन दूर 


से सुनाई देती है..खामोशियाँ बोल उठती है और उसी ख़ामोशी मे आवाज़ तेरी ही सुनाई देती है...प्रेम-राग 


ही सुन,दुनियाँ की कोई बात ना सुन..ढाप ले अपना चेहरा अपनी हथेलियों से और मुझे धीमे से सुन..गीत 


वही सुनाई दे गा तुझे जो तूने हमेशा मेरे ही साथ दोहराया है..बस,प्रेम का रंग उन्हीं सुरों मे ढला मेरा-तेरा 


अंश है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...