Sunday 7 February 2021

 सिर्फ आँखों मे काजल की इक रेखा और होठों पे हल्की सी लालिमा लिए,तुम से मिले थे हम..इसी 


सादगी पे फ़िदा हुए थे तुम..बस तभी से तेरी ज़िंदगी मे दाखिल हो गए हम...ना तुम से कुछ माँगा कभी,


ना शिकायतों का झोला तुम को दिया...अपने अस्तित्व तक को भुला दिया और तेरे हर कदम पे हम 


साथ कदम रखते रहे..तुझे प्यार करने की हज़ारो वजह है मगर हम भी तो तेरी ही सादगी पे निहाल हो 


गए...सजती है जब भी थाली इबादत की,आज भी तेरे ही नाम के हम कायल हो गए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...