दूरियों के फासले तो उन को डसते है जो प्यार मे फरेबी होने का गुनाह करते है...दूरियां है या बेहद
नज़दीकियां,प्यार तो हर सांस के साथ कायम रहता है...मौसम की क्या बात कहे यह तो मौत के बाद
भी रूह मे बसता है...मौत कहां इस प्यार के सिलसिले को तोड़ पाती है..जन्म ले के दुबारा फिर उसी
साथी से उस अधूरेपन को पूरा करने के लिए मिलवा देती है...रात को सितारों के झुरमुट मे तुझ को
देखा..सूरज की तेज़ रौशनी मे भी अक्स तेरा ही देखा..तू है हर जगह,यह कमाल तो सिर्फ हमीं ने देखा..