Saturday 20 February 2021

 हम ने दरगाह मे चढ़ाई तेरी मुहब्बत की चादर...इबादत मे खुदा से मांग ली तेरी सलामती की चादर...


तेरे नाम की रूहे-चांदनी साथ लिए फिरते है..वो सज़दा जो हम ने दरगाह मे किया,वो यक़ीनन पाक रहा 


इतना...खुदा ने दो फूल गिराए झोली मे हमारी और हम तो जैसे तेरे नाम के सदके जी भर के जी उठे...


अब और क्या मांगे,तुझे मांग लेने के बाद...पायल की इस झंकार को संभाले या खुदा की इस नियामत 


को संभाले..कोई लफ्ज़ नहीं,इतना शुक्राना करने के बाद..मेरे अल्लाह,सज़दा करते है तुझे बारम्बार...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...