Friday 26 February 2021

 अभी तो सिर्फ बादलों मे बिजली चमकी है और आप डर भी गए...अभी तो सिर्फ घनघोर हुआ है आसमां 


 और आप अभी से सहम गए...जानते है यह बिजली को अभी जोरों से दहाड़ देना बाकी है और आसमां 


इस का जम के बरसना भी निश्चित है...बस,इसी तरह से यह ज़िंदगी भी तो है..जाना,सुन जरा..यह बेहद 


तकलीफ़े देती है..कभी कभी तो रुख अपना अजीब मोड़ पे आ कर रोक देती है..अब बादल खुल के 


बरसे या बिजली कड़क के गिर भी जाए..आंख का आंसू तेरा,कभी गिरने ना पाए..जब साथ है तेरे तो 


गम कैसा...हज़ारो अँधिया भी आए तो अब डर कैसा....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...