यही स्वर्ग है तो यही नरक भी है..सोच कर हम ने इस ज़िंदगी के हर रंग को,प्यार से गले लगा लिया...
ना सोचा कभी किसी का बुरा बस खुद के सुख-दुःख को अपने गले खुद ही लगा लिया..किस के पास
क्यों है हम से जयदा,किसी के पास क्यों है गिले-शिकवे जयदा...बेमानी है यह सारी बाते,कुछ कमियां
तो हम मे भी है..यह मान कर सब कुछ उस ऊपर वाले पे छोड़ दिया...ना तुम हो भगवान् ना कोई और
खुदा तो तुम ने हम ने..कैसे खुद को ही सही साबित खुद ही कर लिया..ना उलझ स्वर्ग-नरक के चक्कर
मे,कौन है जो दूध का धुला पाक-साफ़ है इस दुनिया मे...