यह कैसा कमाल है..भीगी है दोनों आंखे..एक है ख़ुशी का आंसू तो दूजा गम के अहसास से है भीगा..
किसी को ख़ुशी दे कर एक आंख ने ख़ुशी का अश्क जताया है..पर दूजी आंख का नीर इस बात से टूटा
है..वो किसी को आज दे कर ख़ुशी खुद मे अकेले रोया है..बरबस दोनों आंखे ख़ुशी के सितारों से चमक
उठी..कोई भी तो दूर नहीं,यह तो दिल के पागलपन का, कश्मकश का अजीब मेला है...मोती दोनों ही
संभाल लिए कि ख़ुशी-दूरी जीवन का अनमोल तोहफा है...