Saturday 10 October 2020

 यह कैसा कमाल है..भीगी है दोनों आंखे..एक है ख़ुशी का आंसू तो दूजा गम के अहसास से है भीगा..


किसी को ख़ुशी दे कर एक आंख ने ख़ुशी का अश्क जताया है..पर दूजी आंख का नीर इस बात से टूटा 


है..वो किसी को आज दे कर ख़ुशी खुद मे अकेले रोया है..बरबस दोनों आंखे ख़ुशी के सितारों से चमक 


उठी..कोई भी तो दूर नहीं,यह तो दिल के पागलपन का, कश्मकश का अजीब मेला है...मोती दोनों ही 


संभाल लिए कि ख़ुशी-दूरी जीवन का अनमोल तोहफा है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...