Saturday 10 October 2020

 सर उठा के जीना कि यह किस्मत बहुत इम्तिहान लेती है...मिला देती है कभी कभी,इतने खुदगर्ज़ 


इंसानो से और कसौटी हमारे ईमान की परखी जाती है...मुट्ठी की लक़ीरों की कदर करना..यही तो 


है जो तुझे तुझ से परिचित करवाती है..बाकी तो यह दुनियां तमाशबीनों की जयदा है..तेरे दिल के घाव 


जरा से भी दिख जाए,झट नमक उठा लाती है...ऊपर से प्यार जताती है पर अंदर से तुझे दुखी देख खूब 


ज़शन अपने घर मनाती है..खुद पे रख के चल अपना ही विश्वास,किस्मत कब किस की बदल जाए..यह 


तो किस्मत ही बताती रहती है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...