मौसम ने ली हल्की सी करवट तो प्यार का मौसम परवान चढ़ गया...अपूर्व सुंदरी ने सोचा कि यह
मौसम उस के रूप के साथ और खिल गया...महक गया जिस्म उस का और सपनो का मेला दिल के
आर-पार हो गया..चाहने वाले बहुत है उस के,यह जान कर उस का गुमान दुगना हो गया..अहंकार जो
भरा इतना तो चाहने वालो का सरूर और बढ़ गया..नादान थी बहुत वो..किसी का चाह लेना कुछ मायने
नहीं रखता...हज़ारो चाहने वाले हो साथ मगर कोई दूर तक साथ देने वाला कोई नहीं होता...मगरूर तो
वो आज भी है शायद कल का अंजाम उस के दिमाग मे अभी तक नहीं आया...