Thursday 1 October 2020

 झूठ एक होता तो सह लेते..कुछ और जयदा होते तो भी सर आँखों पे ले लेते...पर तेरे झूठ पे  फिर से 


विश्वास करे..तौबा तौबा...हम तो सोचते रहे कि तुम सिर्फ दीवाने हो..हमारे ही नहीं कितनो के दीवाने 


हो..किसी को मुहब्बत कह दिया तो किसी को प्यार का नगमा सुना दिया...और हम से मिले तो हमारे 


ही होने का दावा कर दिया...ना तुझ को चलाया अपनी राहो पे,ना तुझ को चलाया बंदिशों के तले...सोचा 


ईमान होगा तो खुद ही हमारी राहो पे लौट आओ गे..और वो दिन कभी तो आए गा,जब ज़मीर तेरा मेरी 


राहो का मोहताज़ हो जाये गा ....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...