फिर से सज़े गी पायल..फिर बालों मे गज़रा महके गा..फिर से चंचल होंगे नैना,फिर तेरी शोख नज़र
का पहरा हम पर होगा...मुलाकात की वो पहली बेला फिर से लौट के आए गी...साँसे बहुत है पास तेरे..
साँसे बहुत है पास मेरे...जीवन मधुर फिर से बन जाए गा..झरनों का पानी कब रुकता है.गर रुकता है
तो फिर से चलता भी है...आशा का भरा-पूरा दीपक अंगना आज जलाया है..तेरी उम्मीद पे खरे उतरे..
यह वचन शिद्दत से आज निभाया है...