बुरा वक़्त-अच्छा वक़्त..सब निकल जाता है..जो तुझे तेरी खामियां बता दे,ऐसा मसीहा विरला ही मिलता है..
जो दिल पे लगी चोट पे मरहम लगा दे सच्ची,ऐसा दोस्त कहां मिलता है...खुद ही खुद को संभालना होता
है..दुनियां तमाशबीनों की है..खुद ही गिरना है तो खुद ही उठ जाना है...सिर्फ उठना ही नहीं,ज़िंदगी की
जंग भी अकेले ही लड़ना है..जीत हासिल कर और फिर सब के साथ मुस्कुरा..यही वादा खुद से निभाना
है..हिम्मत टूटी तो सब टूटा...दिखा दे इस दुनियां को,अकेले जंग लड़ना हम को भी आता है...