Saturday 17 October 2020

 जो लिखे तेरी-मेरी कहानी..वो है''सरगोशियां मेरी''

जो लिख दे बेबाक किसी भी मुद्दे पे..वो है''सरगोशियां मेरी''

जो बयां कर दे दर्दे-दिल नादान प्रेमिका का..वो है''सरगोशियां मेरी''

जो प्रेमी के ज़ज्बात पिघला दे,शब्दों से अपने..वो है'सरगोशियां मेरी''

जो पिया का संदेसा सजनी तक पंहुचा दे.चंद लम्हो मे..वो है'सरगोशियां मेरी''

रूठे पिया को मना ले लरज़ते महकते शब्दों से..वो है''सरगोशियां मेरी''

बरसती रात को सुहाग की सेज़ बना दे..वो है''सरगोशियां मेरी''

दूर तल्क़..सदियों तल्क़ साथ देने का जो वादा कर ले..वो है''सरगोशियां मेरी''

रूह को रूह की ताकत से मिला दे..वो है''सरगोशियां मेरी''

सादगी का लबादा ओढ़े मगर पिया की रूह को भी पिघला दे..वो है''सरगोशियां मेरी''

कभी इस समाज के बेरंग रूप को भी बेनकाब कर दे..वो है''सरगोशियां मेरी''

हैवानों को भी प्यार से नसीहत देती..वो है''सरगोशियां मेरी''

तवायफ को भी अपना साथी मानने पे जो मजबूर कर दे..वो है''सरगोशियां मेरी''

दौलत की चमक से परे अपना परिशुद्ध प्रेम दर्शाती..वो है''सरगोशियां मेरी''

खामोश रहती है कभी-कभी,पर अपनी चुप्पी से भी,जो आप सब को लुभा ले..वो है''सरगोशियां मेरी''

किसी को यह शब्द अपने जीवन के ही लगे..बस यही जादू जो जगा दे..वो है''सरगोशियां मेरी''

यह कलम मेरी,यह स्याही भी मेरी..पर लफ्ज़ो को पन्नो पे लुटाती..वो है''सरगोशियां मेरी''

कल यह ''शायरा''रहे या ना रहे,पन्नो के यह शब्द यू ही हवा मे उड़ते रहे..वो है''सरगोशियां मेरी''

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...