Saturday 1 February 2020

दर्द-दुखो को देखा है इतने करीब से,कि अब तो इन तमाम दुखो को अपना दोस्त बना लिया..रोज़ मिलते

है इन से,मगर इन से अब डरते नहीं..इस से पहले यह आए हमारे पास हमारा हाल पूछने,हम खुद ही

इन को प्यार कर आते है..लोग कहते है,हम इतना क्यों मुस्कुराते है और क्यों..जब इन दुखो ने हम से

दुश्मनी ही निभानी है तो क्यों ना हंस कर,मुस्कुरा कर खुद ही इन से दोस्ती कर ले..अब यह दुःख भी

हमारी हिम्मत की दाद देते है,इन के साथ रह कर भी बहुत खुश जो रहते है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...