शायद कुछ कहा आप ने,मेरे दिल ने बस सुन लिया..रास्ता आप का बेखुदी मे गुजर गया,यह हम को
हवाओं ने बता दिया...यह फ़िज़ाए क्यों गुनगुना रही थी,दिल ने फिर दिल से कुछ कहा और बहारे खिल
गई...खुद से बैगाने आप है,हम तो नशे मे चूर है..अंगड़ाई लेते है तो यह जिस्म क्यों बहकने लगता है..
खुद को आईने मे देखे तो क्यों आप की सूरत का अक्स हम पे झलकता है..आप आप कहां रहे,हम तो
कभी हमारे थे ही नहीं..यह आज निगाहों ने मुस्कुरा के ऐलान कर दिया...
हवाओं ने बता दिया...यह फ़िज़ाए क्यों गुनगुना रही थी,दिल ने फिर दिल से कुछ कहा और बहारे खिल
गई...खुद से बैगाने आप है,हम तो नशे मे चूर है..अंगड़ाई लेते है तो यह जिस्म क्यों बहकने लगता है..
खुद को आईने मे देखे तो क्यों आप की सूरत का अक्स हम पे झलकता है..आप आप कहां रहे,हम तो
कभी हमारे थे ही नहीं..यह आज निगाहों ने मुस्कुरा के ऐलान कर दिया...