हज़ारो बातें दिल मे छुपाना और गज़ब यह कि खुद के लबों को मुस्कुराने की इज़ाज़त भी ना देना...
तौबा तौबा..इतना ज़ालिम खुद के लिए होना और हम पे भी कहर ढाना..कौन सी किताब पढ़ते हो
ऐसी,जनाब जरा हम को भी बताना..हम तो है इतने नादान,बिन बात मुस्कुरा देते है..बेवजह हंस भी
देते है..और ज़माने की नज़रो मे घिर जाते है..अब बता भी दीजिए ना,हम से छुप कर कौन सी दुनियां
मे जीते है मेरे मेहरबां....
तौबा तौबा..इतना ज़ालिम खुद के लिए होना और हम पे भी कहर ढाना..कौन सी किताब पढ़ते हो
ऐसी,जनाब जरा हम को भी बताना..हम तो है इतने नादान,बिन बात मुस्कुरा देते है..बेवजह हंस भी
देते है..और ज़माने की नज़रो मे घिर जाते है..अब बता भी दीजिए ना,हम से छुप कर कौन सी दुनियां
मे जीते है मेरे मेहरबां....