Saturday, 29 February 2020

हज़ारो बातें दिल मे छुपाना और गज़ब यह कि खुद के लबों को मुस्कुराने की इज़ाज़त भी ना देना...

तौबा तौबा..इतना ज़ालिम खुद के लिए होना और हम पे भी कहर ढाना..कौन सी किताब पढ़ते हो

ऐसी,जनाब जरा हम को भी बताना..हम  तो है इतने नादान,बिन बात मुस्कुरा देते है..बेवजह हंस भी

देते है..और ज़माने की नज़रो मे घिर जाते है..अब बता भी दीजिए ना,हम से छुप कर कौन सी  दुनियां

मे जीते है मेरे मेहरबां....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...