काम बहुत जयदा है,पर वक़्त की मोहलत कहां अब जयदा है..इतने है काम अधूरे,जिस मे गुजारिश
एक नहीं बस फरमान है हज़ारो..किस को छोड़े,किस को सींचे..करीब है दिल के यह सारे मेहमान..
जो रहे बेजुबान,वो रहे सब से ख़ास..लुटाया दुलार-प्यार का खज़ाना बार-बार और बन गए सब के
हमराज़..
एक नहीं बस फरमान है हज़ारो..किस को छोड़े,किस को सींचे..करीब है दिल के यह सारे मेहमान..
जो रहे बेजुबान,वो रहे सब से ख़ास..लुटाया दुलार-प्यार का खज़ाना बार-बार और बन गए सब के
हमराज़..