Friday 14 February 2020

फूल ना जाने आज कितने मिले होंगे..ना जाने कितने वादे भी किए होंगे..हज़ारो श्रृंगार कर के इक दूजे

का दिल जीतने के इरादे से मिले होंगे..दौलत-रुतबे के रुआब से इक दूजे के दिल जीतने की कोशिश

मे रहे होंगे..कौन कितना असली है,कौन कितना नकली है..यह कहां जान पाए होंगे..विरले होंगे,जो दूर

तक इक दूजे के रह पाए गे..कितने होंगे जो ग़ुरबत के साथ,साथी को चुन पाए गे..उस के साथ ताउम्र

जी पाए गे..प्रेम को कितना समझे होंगे तो शुद्ध प्रेम को कहां जान पाए गे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...