Saturday 22 February 2020

मेरे वज़ूद की आंच से तुझे गर ख़ुशी मिले तो मेरा जन्म सफल हो जाए..तेरे दर्द की गहरी धारा,मेरी

 चाहत से गर तेरी हंसी मे बदल जाए तो मुझे सकून मिल जाए..काम के बोझ से तेरा जिस्म गर थक गए,

 मेरी याद भर से तू फिर से खिल जाए तो यक़ीनन मेरी मुहब्बत को करार आ जाए..रो दे कभी जो मुझे 

 याद कर के,मेरी खिलखिलाती आवाज़ के जादू से तू मदहोश हो जाए तो मेरी रूह को आराम मिल

जाए..मुहब्बत तो वही जो तुझ को हज़ारो गमों से आज़ाद कर दे..तेरी हर तकलीफ मैं खुद मे जज़्ब कर

लू ..ऐसा गर हो जाए तो मुझे सकून की नींद मिल जाए....



दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...