हर सूरत मे गर अक्स तेरा दिखता तो मुहब्बत तुझ से ना कर पाते..तू सिर्फ तू है,यह राज़ फिर तुझे कैसे
बताते..ऐसी गहरी आंखे,भला किसी की हो सकती है..जो कभी ना मुस्कुराए,ऐसे लब भला किसी के हो
सकते है...यह श्याम वर्ण जो मुझे सिर्फ तेरे कृष्णा होने का एहसास दिलाता है..तेरे गुस्से पे लिख दे पूरी
गाथा,कोई और ऐसा भला कहां हो सकता है..अपनी चुप्पी से जो मुझे परेशां कर दे,ऐसा दिलदार पूरी
कायनात मे भी नहीं हो सकता है..सही तो कहते है,तू सिर्फ तू है..यह राज़ तो सिर्फ मेरा-तेरा ही हो सकता है...
बताते..ऐसी गहरी आंखे,भला किसी की हो सकती है..जो कभी ना मुस्कुराए,ऐसे लब भला किसी के हो
सकते है...यह श्याम वर्ण जो मुझे सिर्फ तेरे कृष्णा होने का एहसास दिलाता है..तेरे गुस्से पे लिख दे पूरी
गाथा,कोई और ऐसा भला कहां हो सकता है..अपनी चुप्पी से जो मुझे परेशां कर दे,ऐसा दिलदार पूरी
कायनात मे भी नहीं हो सकता है..सही तो कहते है,तू सिर्फ तू है..यह राज़ तो सिर्फ मेरा-तेरा ही हो सकता है...