वो कहते है कि हम सदियों पुराने है..फिर कहते है हम सब से अनोखे है..फिर कहते है हम को कुछ
कहना नहीं आता..कभी कहते है फूल हो ऐसा जो बार-बार नहीं खिलता..''हम मुनासिब है या तेरी कोई
पुरानी कहानी..तेरे ही सीने से लिपटी कोई बेल है पुरानी..जो हर जन्म मिले तुझे तेरी ही दास्तां बन के..
जो तेरे साथ ना रहे मगर साथ चलती जाए..पुकारे जो दर्द मे अपने तो खिंच के चली आए..अब खुद ही
इस बात को तय कर ले कि हम तेरे अपने है या कोई पराए'' ....
कहना नहीं आता..कभी कहते है फूल हो ऐसा जो बार-बार नहीं खिलता..''हम मुनासिब है या तेरी कोई
पुरानी कहानी..तेरे ही सीने से लिपटी कोई बेल है पुरानी..जो हर जन्म मिले तुझे तेरी ही दास्तां बन के..
जो तेरे साथ ना रहे मगर साथ चलती जाए..पुकारे जो दर्द मे अपने तो खिंच के चली आए..अब खुद ही
इस बात को तय कर ले कि हम तेरे अपने है या कोई पराए'' ....