इक खूबसूरत सी लकीर हमारी वफ़ा की,आप वफ़ा से निभा ना पाए..कुछ भी नहीं माँगा था आप से
सिवाए ईमानदारी के,रिश्ते की ईमानदारी तक तो आप संभाल ना पाए..माना, वक़्त नहीं हमारे लिए..
पर हवाओं मे बिखरना यू रंगीन रूप लिए..अब किस के लिए...हम खुद को सवांरते रहे आप के लिए..
सजते रहे आप की ख़ुशी के लिए..पूजा का फूल समझ,भगवान् का दर्ज़ा तक देते रहे..गलतियां आप की
माफ़ करते रहे,कभी अपनी छोटी सी भूल के लिए आप के चरण तक छूते रहे..बस,अब और नहीं..नहीं..
सिवाए ईमानदारी के,रिश्ते की ईमानदारी तक तो आप संभाल ना पाए..माना, वक़्त नहीं हमारे लिए..
पर हवाओं मे बिखरना यू रंगीन रूप लिए..अब किस के लिए...हम खुद को सवांरते रहे आप के लिए..
सजते रहे आप की ख़ुशी के लिए..पूजा का फूल समझ,भगवान् का दर्ज़ा तक देते रहे..गलतियां आप की
माफ़ करते रहे,कभी अपनी छोटी सी भूल के लिए आप के चरण तक छूते रहे..बस,अब और नहीं..नहीं..