पता नहीं आज बादल घनेरे है या आसमां साफ़ है..जो बिजली कड़की थी आज शाम,उस की दहक
कम है या वैसी ही है..डर डर के जागे गे या सो भी पाए गे..बिजली की गूंज अभी भी कानों को सुन
रही है जैसे...काश...चाँद ही बता पाता कि आसमां कितना साफ़ है अभी या बादल फिर से बरसने
वाले है..उम्मीद करे या नींद को अलविदा कर दे..रात को अब क्या जवाब दे..
कम है या वैसी ही है..डर डर के जागे गे या सो भी पाए गे..बिजली की गूंज अभी भी कानों को सुन
रही है जैसे...काश...चाँद ही बता पाता कि आसमां कितना साफ़ है अभी या बादल फिर से बरसने
वाले है..उम्मीद करे या नींद को अलविदा कर दे..रात को अब क्या जवाब दे..