Friday 28 February 2020

हसरतों की कहानी,दिल की जुबानी..दिल ना भी कहे तो भी शर्म घुल जाए हवा मे बन के रूमानी..

कुछ लफ्ज़ कहे, कुछ अनकहे रह गए..कुछ सुने तो कुछ सुन के रूह मे उतर गए..बेबाकी लफ्ज़ो

की समझ तब आई जब रास्तो पे अपने-अपने चल दिए..मुस्कुराए लब,हंस दी आंखे..शराब सा नशा

घुल गया फिज़ाओ मे जैसे..एहसास समेटे दिलो मे,इक दूजे के हो गए..उस की ख़ुशी जीवन मेरा,और

यह सिलसिले जवां हो गए..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...