हसरतों की कहानी,दिल की जुबानी..दिल ना भी कहे तो भी शर्म घुल जाए हवा मे बन के रूमानी..
कुछ लफ्ज़ कहे, कुछ अनकहे रह गए..कुछ सुने तो कुछ सुन के रूह मे उतर गए..बेबाकी लफ्ज़ो
की समझ तब आई जब रास्तो पे अपने-अपने चल दिए..मुस्कुराए लब,हंस दी आंखे..शराब सा नशा
घुल गया फिज़ाओ मे जैसे..एहसास समेटे दिलो मे,इक दूजे के हो गए..उस की ख़ुशी जीवन मेरा,और
यह सिलसिले जवां हो गए..
कुछ लफ्ज़ कहे, कुछ अनकहे रह गए..कुछ सुने तो कुछ सुन के रूह मे उतर गए..बेबाकी लफ्ज़ो
की समझ तब आई जब रास्तो पे अपने-अपने चल दिए..मुस्कुराए लब,हंस दी आंखे..शराब सा नशा
घुल गया फिज़ाओ मे जैसे..एहसास समेटे दिलो मे,इक दूजे के हो गए..उस की ख़ुशी जीवन मेरा,और
यह सिलसिले जवां हो गए..