बहुत बहुत सोच कर उस बात को दर-किनारे कर दिया..जो खफ़ा होने की वजह बने..ना हसरतों को
उजागर किया ना दर्द तेरी राह तक पहुंचाया..किसी बात का अब रोना कैसा,जब रूहों ने इक-दूजे को
जान लिया..साथ जब अनंत-काल का रहना है..सदियों इक-दूजे के बनना है तो लड़ कर अब क्यों रोना
है..प्रेम की परिभाषा बहुत गहरी है,तुम अभी ना समझ पाओ गे..हम सदियों के बंधन समझ गए,तुम
इस जन्म के कान्हा तक ना बन सके..
उजागर किया ना दर्द तेरी राह तक पहुंचाया..किसी बात का अब रोना कैसा,जब रूहों ने इक-दूजे को
जान लिया..साथ जब अनंत-काल का रहना है..सदियों इक-दूजे के बनना है तो लड़ कर अब क्यों रोना
है..प्रेम की परिभाषा बहुत गहरी है,तुम अभी ना समझ पाओ गे..हम सदियों के बंधन समझ गए,तुम
इस जन्म के कान्हा तक ना बन सके..