दोस्तों...मेरी पूरी कोशिश और प्रयास जारी है कि ''सरगोशियां,इक प्रेम ग्रन्थ'' को एक पुस्तक/किताब के रूप मे प्रकाशित करू ...हो सकता है कि अगले साल तक मैं इस विषय पे सफल हो जाऊ..तब सरगोशियां,आप के अपने घर-घर मे होगी...दुआ कीजिए,ऐसा जल्द से जल्द हो...आप की अपनी सी शायरा ...
Sunday, 23 February 2020
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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मुददत हो गई तुम से जुदा हुए,पल फिर दिन,फिर महीने और अब बरसो बीत चुके है... पर उस मुहबबत को,उस चाहत को आज भी भूल नही पाए है...बातो की वो ख...
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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तेरे एक इशारे पे दुनिया छोड दी हम ने--रासते तो मिलते रहे मगर मजिॅल तुमही पे रोक दी हम ने--वजूद तेरे मे सिमटने के लिए अपनी पहचान भुला दी ह...