कितने चेहरे गुजरते रहे राहो से हमारी..एक चेहरा जो बरसो से था हमारा..आज भी हमारा है और जब
तक बसा है संसार,वो चेहरा सिर्फ और सिर्फ हमारा है..जिस से हम अक्सर अपनी तमाम बातें किया
करते है..वो चेहरा जिस के आगे जब दिल भरे तो रो भी देते है..कुछ ख़ुशी हासिल हो तब भी उसी का
दामन भरा करते है..बाकी चेहरे बेशक गुजरते रहे निग़ाहों के सामने से,हम कहां उन को देखा करते है..
तक बसा है संसार,वो चेहरा सिर्फ और सिर्फ हमारा है..जिस से हम अक्सर अपनी तमाम बातें किया
करते है..वो चेहरा जिस के आगे जब दिल भरे तो रो भी देते है..कुछ ख़ुशी हासिल हो तब भी उसी का
दामन भरा करते है..बाकी चेहरे बेशक गुजरते रहे निग़ाहों के सामने से,हम कहां उन को देखा करते है..