Wednesday 26 February 2020

कितने चेहरे गुजरते रहे राहो से हमारी..एक चेहरा जो बरसो से था हमारा..आज भी हमारा है और जब

तक बसा है संसार,वो चेहरा सिर्फ और सिर्फ हमारा है..जिस से हम अक्सर अपनी तमाम बातें किया

करते है..वो चेहरा जिस के आगे जब दिल भरे तो रो भी देते है..कुछ ख़ुशी हासिल हो तब भी उसी का

दामन भरा करते है..बाकी चेहरे बेशक गुजरते रहे निग़ाहों के सामने से,हम कहां उन को देखा करते है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...