Wednesday 5 February 2020

बस क्या कहे,आज खुद ही खुद मे महक रहे है..बस प्यार हो गया है अपने आप से..इसलिए तो चहक

रहे है..पांव रखते है धरा पे तो उड़ने का एहसास होता है..खुद को देखते है आईने मे तो सब से जयदा

खुद के खूबसूरत होने का गुमान होता है..यह आंखे अपनी,आज क्यों इतनी कजरारी लग रही है..नमी

नहीं इन मे आंसू की,यह तो खुद के प्यार मे भीगी-भीगी लग रही है..लब जो आज बेवजह,मुस्कुराने पे

आमादा है..क्या कहे और,कि बस खुद के प्यार मे ही महक रहे है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...