दर्द के आंसू तेरी आँखों से झरे..हम ने मोती समझ अपने आंचल मे भर लिए..वो आँचल जो सिर्फ और
सिर्फ तेरा है,कहने को बेशक आज भी किसी जख्म से गीला है..जानते हो,उन जख्मों को कभी सूखने
नहीं देते..बंजर रास्तो पे चलने के लिए,यह गीले ज़ख्म आज भी साथ दिया करते है..आँखों से आंसू ना
बहा,तेरे साथ हर कदम पे अपना कदम साथ रखते है..कुर्बान है तेरे हर दर्द पे,कि हम तो आवाज़ की
बहती गंगा से तुझे पहचान लिया करते है...
सिर्फ तेरा है,कहने को बेशक आज भी किसी जख्म से गीला है..जानते हो,उन जख्मों को कभी सूखने
नहीं देते..बंजर रास्तो पे चलने के लिए,यह गीले ज़ख्म आज भी साथ दिया करते है..आँखों से आंसू ना
बहा,तेरे साथ हर कदम पे अपना कदम साथ रखते है..कुर्बान है तेरे हर दर्द पे,कि हम तो आवाज़ की
बहती गंगा से तुझे पहचान लिया करते है...