Thursday 6 February 2020

इक पाठशाला बनाई शुद्ध प्रेम की हम ने..नाम दे दिया सरगोशियां..मजहब की कोई दीवार डाली

नहीं हम ने,बस एक ही शर्त रखी..आना है तो पाक-साफ़ मन को साथ ले कर आना..आँखों की नमी

को बरक़रार रखना कि यह प्रेम साबित करना होगा जब-जब..तब-तब दुःख आंसू की पीड़ा को सहना

होगा..प्रेम नाम है क़ुरबानी और जज्बात का,यह पाठ जरूर सीख़ कर जाना ..कि प्यार के रास्ते बेहद

कठिन होते है,इन पे चलना है तो संसार सारा भुलाना होगा..राधा-कृष्णा बनना है तभी मेरी सरगोशियां

की पाठशाला आना..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...