Monday 11 January 2021

 उलट कर देखा तो कभी पलट कर देखा..पर ऐ ज़िंदगी,तेरे पन्नों पे कुछ गलत तो नज़र नहीं आया...


कैसे कह दे कि तेरे हर हिसाब मे हम को खोट नज़र आया..यह कदम जब भी टूटे तो खोट का आइना 


इन्ही इंसानो मे नज़र आया...पर देते है दाद तुझे ऐ ज़िंदगी,तूने इन कदमों को फिर से चलना सिखाया...


झुकने नहीं दिया किसी गलत मोड़ पर और सर हमारा अदब से उठाया...देते है शुक्राना तुझ को ऐ 


ज़िंदगी,कि हर आने वाली छोटी सी ख़ुशी से भी तूने हम को अवगत करवाया...अदब से हम ने हर पल 


तुझे शीश नवाया...शुक्रिया मेरी ज़िंदगी...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...