इन आँखों मे अब नींद आती नहीं ...यह पायल भी अब,खनक कर शोर मचाती नहीं ...कलाई मे अब
चूड़ियाँ सजती ही नहीं...माथे की बिंदिया को क्यों इंतज़ार है तेरा...ऋतु बदलती है तो क्यों लगता है,तू
आस-पास है मेरे...तेरी दी नाक की लौंग,अब उतनी चमकती क्यों नहीं...यह भोले नैना तुझे हर घड़ी
पुकारने से बाज़ आते क्यों नहीं...मेरे हर सवाल का जवाब देने,कभी तो आ...सफ़ेद लिबास की वो
झलक कभी तो दिखा...मंजूर प्यार मेरा बेशक ना कर,पर अपनी दुनियाँ से थोड़ा वक़्त निकाल मेरे पास
तो आ...