सरगोशियां...सर को झुका दे शर्म से,ऐसा कोई लफ्ज़ नहीं है यहाँ....
सरगोशियां...किसी का अपमान कर दे,ऐसी कोई मंशा नहीं है यहाँ...
सरगोशियां...नफरत दिलों मे भर दे,ऐसा कोई सन्देश नहीं है यहाँ...
सरगोशियां...तीखे शब्द चुभो दे,ऐसा कुछ नहीं है यहाँ...
सरगोशियां...दिलों को प्रेम-रंग से सज़ा दे,बस पैगाम यही है यहाँ...
सरगोशियां...वफ़ा के उच्चतम पायदान का मेला लगता है यहाँ...
सरगोशियां...सजना को समर्पित हो जाए,बस इतना ही है अनुदान यहाँ...
सरगोशियां...पिया की याद मे अश्रु-धारा बहा दे,मासूमियत इतनी है यहाँ...
सरगोशियां...भोलेपन की मिसाल क्या है,उस की कहानी लिखती है यहाँ...
सरगोशियां...समंदर को भी खारे से मीठा कर दे,ऐसी नदिया बहती है यहाँ....
सरगोशियां...भीगी बरखा मे संग संग खुद भी रो ले,खुद का दर्द छुपाना होता है यहाँ....
सरगोशियां...फक्र से कहती है आप सभी से,मेरे संग संग चल ना...शब्दों की अनमोल कहानियाँ है यहाँ...