Wednesday 20 January 2021

 खूबसूरत गुलाब के फूल उसे बेहद पसंद थे...रहना चाहती थी हमेशा इन गुलाबों मे,इसी की तरह खुशबू 


बन कर...एक खूबसूरत सी सुबह ऐसी आई..किसी के प्यार से महका उस का जग सारा...हर तरफ फूल 


ही फूल,वो भी गुलाब...आंगन सजा था किसी के भेजे गुलाबों से...सन्देश भी लिखा था,उस के प्यार का...


कुदरत के रंग,तेरे क्या कहने...पल मे तोला पल मे माशा...दिल ने कहा..''सहेज ले अब फूलों को,इस 


खूबसूरत सन्देश के साथ..रोज़ रोज़ यह फूल मुस्कुराया नहीं करते''....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...