खूबसूरत गुलाब के फूल उसे बेहद पसंद थे...रहना चाहती थी हमेशा इन गुलाबों मे,इसी की तरह खुशबू
बन कर...एक खूबसूरत सी सुबह ऐसी आई..किसी के प्यार से महका उस का जग सारा...हर तरफ फूल
ही फूल,वो भी गुलाब...आंगन सजा था किसी के भेजे गुलाबों से...सन्देश भी लिखा था,उस के प्यार का...
कुदरत के रंग,तेरे क्या कहने...पल मे तोला पल मे माशा...दिल ने कहा..''सहेज ले अब फूलों को,इस
खूबसूरत सन्देश के साथ..रोज़ रोज़ यह फूल मुस्कुराया नहीं करते''....