बेहद करीब से कल रात मौत हमारे आंगन से गुजरी..हम को जीत लेने की पुरज़ोर कोशिश मे..चीर
कर कलेजा हमारा,कुछ गहरे लफ्ज़ कह गई कानों मे हमारे...ना सह दर्द का सिलसिला बेइंतिहा और
चल साथ मेरे इस दुनियाँ से दूर बहुत दूर...इक पल तो हम ने भी इरादा उस के संग जाने का सोच लिया..
पर ज़मीर की धुन ने पुकारा बेहद प्यार से...अरे पगली,कितने है तेरी मुस्कराहट पे फ़िदा..कितने है
तेरी दुआ पे रुके..और कितनो को जरुरत है तेरी...ज़मीर ने कस के हम को थाम लिया और ज़िंदगी से
हम को फिर से मिलवा दिया...