Monday 25 January 2021

 खवाबों मे हुई मुलाकात कोई मुलाकात ना थी...रूबरू होने के लिए जो तुझ से दिन के उजाले मे मिले..


कुछ गुफ़्तगू और कुछ शिकवे..मुलाकात मे होंगे कुछ भीगे से नग़्मे...उम्मीद और आशा से भरे कुछ 


हसीन से लम्हे...कुछ सुने तेरी और कुछ हम भी अपनी कहे...तेरी आगोश मे डूबे बाते इतनी करे..कब 


हो जाए साँझ और पता किसी को ना चले...रागिनी प्यार की बहती ही रहे...शिकायतें मुहब्बत मे ढल 


जाए और पता दोनों का ना चले...काश...मुलाकात हो मगर देह की इमारत बरक़रार रहे...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...