Sunday, 17 January 2021

 वफ़ा की राह मे वो कुर्बान हो गई..और वो बेवफा की राह पर दूर तक चलता रहा...वो सब जान कर भी 


उस से प्यार करती रही..सब समझ कर भी विश्वास का दामन पकड़े रही...वो उस को दीवानी,पागल 


समझ बहलाता रहा...पर प्रेम की रौशनी थी इतनी सुनहरी कि बहुत दूर से भी उस को बेवफाई की गंध 


आती रही...धीरे धीरे दूरियां बड़ी..अरमानों की चिता जली...रह गई राख़ और प्यार की दुनियां तबाह हो 


गई...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...