नज़र सलाम करे या नज़र उदास रहे-रहती तो तेरे आस पास ही है--दो बून्द आंसू कभी जो छलक आए
उन के बहने की वजह भी तेरे पास ही है--कुछ कह दिया इस दिल ने तुझे,हौसला-अफ़जाई के लिए
नज़र का झुकना लाजमी ही तो है--सपने जो देखे तेरे साथ जीने के लिए,कदम दर कदम साथ चलने
के लिए--यह नज़र ही तो है जिसे बंद करे तो भी तू मेरे आस पास ही तो है--
उन के बहने की वजह भी तेरे पास ही है--कुछ कह दिया इस दिल ने तुझे,हौसला-अफ़जाई के लिए
नज़र का झुकना लाजमी ही तो है--सपने जो देखे तेरे साथ जीने के लिए,कदम दर कदम साथ चलने
के लिए--यह नज़र ही तो है जिसे बंद करे तो भी तू मेरे आस पास ही तो है--