शहजादी हो या परी हो आसमां की...ज़न्नत से आई हो या फूलो की पखुड़ियो से निकली हो..खुशबू
से सराबोर हो,तराशी हुई कोई मूरत हो...ओस की तरह ना टिकने वाली कोई शाही बून्द हो..इबादत
कर ले तेरी या नज़र उतारे बार बार यू ही...अल्लाह तौबा...जमीं पे रहते है,आसमां में उड़ना मेरी
फितरत ही नहीं...हाथ जोड़ दिए तेरे सज़दे मे,इस से जय्दा मेरी औकात ही नहीं...
से सराबोर हो,तराशी हुई कोई मूरत हो...ओस की तरह ना टिकने वाली कोई शाही बून्द हो..इबादत
कर ले तेरी या नज़र उतारे बार बार यू ही...अल्लाह तौबा...जमीं पे रहते है,आसमां में उड़ना मेरी
फितरत ही नहीं...हाथ जोड़ दिए तेरे सज़दे मे,इस से जय्दा मेरी औकात ही नहीं...