ना बिखर ज़िंदगी मे मेरी तमन्ना बन कर--आना है तो आ ओस की बूंदे बन कर---बूंदे अश्को की
ना देना ज़ुदा हो कर,मुनासिब हो तो बने रहना खुशबु बन कर--नाज़ुक है दिल यह मेरा,हलकी सी
ठसक से टूट जाए गा--परिंदे हो जाए गे ग़ुम,आशियाना उन का भी बिखर जाए गा--मेरी किस्मत
का खज़ाना धीमे धीमे मद्धम पड़ जाए गा--मुनासिब हो तो बने रहना खुशबु बन कर---
ना देना ज़ुदा हो कर,मुनासिब हो तो बने रहना खुशबु बन कर--नाज़ुक है दिल यह मेरा,हलकी सी
ठसक से टूट जाए गा--परिंदे हो जाए गे ग़ुम,आशियाना उन का भी बिखर जाए गा--मेरी किस्मत
का खज़ाना धीमे धीमे मद्धम पड़ जाए गा--मुनासिब हो तो बने रहना खुशबु बन कर---