Wednesday 8 May 2019

ना बिखर ज़िंदगी मे मेरी तमन्ना बन कर--आना है तो आ ओस की बूंदे बन कर---बूंदे अश्को की

ना देना ज़ुदा हो कर,मुनासिब हो तो बने रहना खुशबु बन कर--नाज़ुक है दिल यह मेरा,हलकी सी

ठसक से टूट जाए गा--परिंदे हो जाए गे ग़ुम,आशियाना उन का भी बिखर जाए गा--मेरी किस्मत

का खज़ाना धीमे धीमे मद्धम पड़ जाए गा--मुनासिब हो तो बने रहना खुशबु बन कर---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...