Friday 17 May 2019

टप टप टप...यह आवाज़ बारिश की होगी,सुन कर अनसुना कर दिया हम ने...बरसे गी अपनी हद

मे यह ख्याल कर सोने का मन बना लिया ...हवा का तेज़ झौंका आया,सब कुछ हिला गया...हद से

जय्दा जो बरसा पानी,अचानक से रुक सा गया...टप टप टप...यह आवाज़ तो दिल की धड़कन से

आई है,शायद पुकारा है किसी ने प्यार से तभी तो यह बिजली भी कौंध कर हमी को जगाने आई है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...