बहुत शिददत से आज फिर माँ को पुकारा हम ने...उलझ गए है ज़िंदगी के तानो-बानो मे,बस सही
राह ढूंढ रहे है..बहुत कुछ खो दिया,बहुत कुछ गवां दिया..जो पाया वो भी तुझ को बता दिया..आज
भी जाने से कदम रुक नहीं पाते तेरे आंगन मे..तुम चली गई,मैं भी चली जाऊ गी...बस रह जाए गी
कहानियां,जो तेरे-मेरे इतिहास को नई नस्लों को समझाए गी...काश,तुम होती आज साथ मेरे,तो
आज भटकने से बच जाते,तेरी ही गोद मे सर रख कर ज़िंदगी गुजार देते...
राह ढूंढ रहे है..बहुत कुछ खो दिया,बहुत कुछ गवां दिया..जो पाया वो भी तुझ को बता दिया..आज
भी जाने से कदम रुक नहीं पाते तेरे आंगन मे..तुम चली गई,मैं भी चली जाऊ गी...बस रह जाए गी
कहानियां,जो तेरे-मेरे इतिहास को नई नस्लों को समझाए गी...काश,तुम होती आज साथ मेरे,तो
आज भटकने से बच जाते,तेरी ही गोद मे सर रख कर ज़िंदगी गुजार देते...