Wednesday, 29 May 2019

समंदर रहे शांत तो लहरें इत्मीनान से इधर-उधर चला करती है..वो कुछ नहीं कहता सब कुछ खुद

मे जज्ब करता है..लोग आते है समंदर के नज़ारे देख खुश होते है..समंदर की सतह पाने की कोई

जुर्रत भी नहीं करते..शांत है तो लहरों को पनाह देता है..रूद्र रूप मे आ जाये तो सब कुछ तबाह कर

देता है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...